CBSE Class 9 Hindi SQPs (2024-25)
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Solutions — CBSE Class 9 Hindi SQP
खंड क – अपठित बोध
1.
- i. कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
- ii. केवल I, III और IV सही हैं।
- iii. I (1) II (2) III (3)
- iv. वन्य पशुओं में अनुशासन का कोई महत्व नहीं होता, जिसके कारण उनका जीवन असुरक्षित, आतंकित एवं अव्यवस्थित रहता है।
- v. कुछ लोगों का मानना है कि मानव के सभ्य और शिक्षित हो जाने के कारण उस पर किसी प्रकार के नियमों का बंधन नहीं होना चाहिए। वह स्वतंत्र रूप से जो करे, उसे करने देना चाहिए।
2.
- I. (iii) परिश्रम के कारण
- II. (iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
- III. (i) कथन I, II और III सही हैं।
- IV. भाग्यवादी सफलता के बारे में मानते हैं कि भाग्य में लिखी होने पर ही सफलता मिलती है।
- V. काव्यांश में निहित संदेश क्या है कि भाग्य का सहारा त्याग कर परिश्रम करना चाहिए।
खंड ख – व्यावहारिक व्याकरण
3. उपसर्ग
- i. सुपुत्री = **’सु’** उपसर्ग और **’पुत्री’** मूल शब्द है।
- ii. परिचय = **’परि’** उपसर्ग और **’चय’** मूल शब्द है।
- iii. प्रत्येक = **’प्रति’** उपसर्ग और **’एक’** मूल शब्द है।
3. प्रत्यय
- i. उदार + ता = **उदारता**
- ii. सफल + ता = **सफलता**
- iii. इच्छा + उक = **इच्छुक**
4. समास
- i. **पाप-पुण्य** = पाप और पुण्य (**द्वंद्व समास**)
- ii. **नीलकंठ** = नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव (**बहुब्रीहि समास**), नीला है जो कंठ (**कर्मधारय समास**)
- iii. **बातों-बातों से जो लड़ाई हुई** = बातों-बात (**बहुब्रीहि समास**)
- iv. **राम और कृष्ण** = राम-कृष्ण (**द्वंद्व समास**)
- v. **पाँचों वटों का समाहार पाँच वटों का समूह** = पंचवटी (**द्विगु समास**)
5. वाक्य-भेद
- i. आज्ञावाचक वाक्य
- ii. संदेहवाचक वाक्य
- iii. अगर आज मामाजी आए तो हम कहीं बाहर घूमने जाएँगे।
- iv. आज तुम्हारे न होने पर मैं भी नहीं होता।
- v. आहा ! बड़ा ही सुन्दर फूल है।
6. अलंकार
- i. अनुप्रास अलंकार
- ii. अनुप्रास अलंकार
- iii. यमक अलंकार
- iv. यमक अलंकार
- v. श्लेष अलंकार
खंड ग – गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
7.
- (i) (क) पछाई जाति के
- (ii) (क) मूक होकर भी एक-दूसरे की बात समझने की
- (iii) (ग) सभी जीवों में श्रेष्ठ होने के बावजूद भी मनुष्य बिना वार्तालाप के एक-दूसरे की बात नहीं समझ सकते
- (iv) (घ) सभी
- (v) (ग) गाड़ी में जुते होने पर गाड़ी का ज्यादा भार एक-दूसरे पर न पड़े
8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
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(i) सुमति के व्यक्तित्व की विशेषताएँ:
- सुमति मिलनसार और हँसमुख व्यक्ति थे।
- वे लोगों के लिए धर्मगुरु के समान थे।
- वे समय के पाबंद थे।
- वे स्वभाव से लालची प्रवृत्ति के थे।
- उन्हें तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का अच्छा ज्ञान था।
- वे आतिथ्य सत्कार में कुशल थे।
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(ii) ‘सांवले सपनों की याद’ पाठ का शीर्षक:
‘सांवले सपने’ प्रसिद्ध पक्षी प्रेमी सालिम अली की मनमोहक इच्छाओं का प्रतीक है। वे जीवन भर पक्षियों की सुरक्षा और खोज के सपनों में खोए रहे। यह शीर्षक सार्थक तो है पर गहरा रहस्यात्मक है क्योंकि लेखक को सालिम अली की आँखों में मृत्युपर्यंत तक बसे हुए उन सपनों की याद आती है।
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(iii) महादेवी वर्मा के उर्दू-फ़ारसी न सीखने के कारण:
- उन्हें उर्दू-फ़ारसी से कोई लगाव नहीं था।
- माँ के साथ समय बिताने के कारण उनका रुझान हिंदी-संस्कृत की ओर था।
- उनके मन में यह बात बैठ गई थी कि उर्दू-फ़ारसी सीखना उनके वश की बात नहीं।
- उर्दू सिखाने वाले मौलवी साहब की वेशभूषा को देखकर वह डर जाती थीं और चारपाई के नीचे छिप जाती थीं।
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(iv) ‘प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ में जूते फटने के कारण:
- बनिया द्वारा दिए गए उधार के पैसों के तकादे से बचने के लिए प्रेमचंद दूर का चक्कर लगाते थे।
- उन्होंने किसी ऐसी चीज़ पर ठोकर मारी जो परत-दर-परत जम गई थी।
- रास्ते में आने वाले टीलों पर भी उन्होंने अपना जूता आजमाया होगा।
खंड ग – काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
9.
- (i) (क) जिसके कर्म श्रेष्ठ हों
- (ii) (घ) जिसके कर्म अच्छे अर्थात् ऊँचे न हों
- (iii) (क) शराब से भरे सोने के कलश की
- (iv) (घ) उसके द्वारा उच्च कर्मों को करने में
- (v) (क) स्वर्ण
10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
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(i) बच्चों का काम पर जाना चिंता का विषय क्यों है?
कवि के लिए बच्चों का काम पर जाना चिंता का विषय इसलिए बन गया है क्योंकि आज के बच्चे कल का भविष्य हैं। जिस उम्र में उन्हें खेल-कूदकर अपने बचपन का आनंद लेना चाहिए और स्वयं को स्वस्थ और सबल बनाना चाहिए, उस उम्र में वे काम करके अपना भविष्य अंधकारमय बना रहे हैं।
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(ii) ‘मेघ आए’ कविता के आधार पर वर्षा का वर्णन:
गर्मी की मार से मनुष्य, पशु-पक्षी सभी वर्षा होने का बेचैनी से इंतजार कर रहे थे। जब बादल आए तो विरह व्याकुल लता ने बादल (मेघ) को उलाहने दिए। गिले-शिकवे दूर हुए और दोनों के मिलन से उनकी आँखों से खुशी के आँसू बह निकले, यानी वर्षा होने लगी।
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(iii) कवयित्री भवसागर पार होने के प्रति क्यों चिंतित है?
कवयित्री भवसागर पार होने के प्रति इसलिए चिंतित है क्योंकि वह नश्वर शरीर के सहारे भवसागर पार करने का निरंतर प्रयास कर रही है, परंतु जीवन का अंतिम समय आ जाने पर भी उसे अच्छी प्रार्थना स्वीकार होती प्रतीत नहीं हो रही है।
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(iv) कवि की दृष्टि में वसुधा कैसी है?
कवि की दृष्टि में वसुधा एक नायिका के समान है। गेहूँ और जो की बालियाँ, अरहर और सनई की सुनहली फलियाँ, पीले फूलों वाली सरसों की तैलाक्त सुगंध, तितलियों की भाँति रंग-बिरंगे फूलों से सजी-धजी होने के कारण वसुधा रूपी नायिका रोमांचित हो रही है।
खंड ग – कृतिका (पूरक पाठ्यपुस्तक)
11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए:
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(i) ‘इस जल प्रलय में’ पाठ के आधार पर पटना में बाढ़ के समय का वर्णन:
‘इस जल प्रलय में’ वर्णित बाढ़ विषयक घटनाओं को पढ़कर हमें दुःख अनुभव होता है। जब पटना में बाढ़ का पानी घुसा तो लोग अपने घरों का सामान ऊँचे स्थानों पर रखने लगे। लेखक को सबसे ज्यादा चिंता गैस की थी, क्योंकि यदि गैस खत्म हो गई तो उसका प्रबंध मुश्किल होगा। लोग अपने-अपने घरों की छत पर ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी आदि लेकर चढ़ गए। पानी घुसने से अनेक बीमारियाँ फैलने का भय था। रेडियो और जनसम्पर्क विभाग की गाड़ियाँ बार-बार चेतावनी दे रही थीं कि लोग सुरक्षित ठिकानों पर चले जाएँ।
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(ii) लेखिका मृदुला गर्ग के जीवन में आए बदलाव:
लेखिका अपनी शादी के बाद बिहार के एक छोटे से कस्बे डालमिया नगर में रही। वहाँ का वातावरण पुराने विचारों पर आधारित था, जहाँ औरत-आदमी, चाहे वे पति-पत्नी ही क्यों न हों, इकट्ठे नहीं जा सकते थे। लेखिका दिल्ली कॉलेज की नौकरी छोड़कर वहाँ पहुँची थी। उन्होंने वहाँ बदलाव लाने का प्रयास शुरू कर दिया। उन्होंने कुछ आदमी- औरतों को इकट्ठा करके नाटक मंडली बनाई और कई नाटकों का मंचन किया।
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(iii) ‘रीढ़ की हड्डी’ पाठ के आधार पर रामस्वरूप का व्यवहार:
अपनी बेटी के रिश्ते के लिए रामस्वरूप उमा से जिस व्यवहार की अपेक्षा कर रहे थे, वह कहीं से उचित नहीं था। वे चाहते थे कि उमा लड़के वालों (गोपाल प्रसाद और शंकर) के सामने सज-धजकर जाए तथा अपनी बी.ए. पास होने की बात छिपाकर दसवीं पास होना बताए। वे चाहते थे कि उमा वैसा ही आचरण करे जैसा लड़के वाले चाहते हैं। आज समाज में लड़की-लड़के को समानता का दर्जा दिया जाता है। लड़कियाँ कोई वस्तु या मूक जानवर नहीं हैं कि किसी के इशारे पर कार्य करे। उनका भी अधिकार है कि जिसके साथ उन्हें जीवन भर रहना है उसके बारे में जानें।
खंड घ – रचनात्मक लेखन
12. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखियेः
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(i) खेलों का महत्त्व
समाज के स्वास्थ्य और समृद्धि में खेलों का अत्यधिक महत्त्व है। यह केवल शारीरिक फिटनेस ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। खेलों के माध्यम से व्यक्ति में अनुशासन, टीमवर्क और आत्म-संयम जैसे गुणों का विकास होता है, जो जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी उपयोगी साबित होते हैं। हाल के वर्षों में सोच में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। पहले जहां खेलों को केवल मनोरंजन का माध्यम माना जाता था, अब यह एक गंभीर करियर विकल्प के रूप में भी देखा जाता है। सरकार और निजी क्षेत्र दोनों ही खेलों के विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं, जिससे खिलाड़ी अपने कौशल को सुधार सकें और खेल में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें। इस प्रकार, खेलों के प्रति बढ़ता रुझान केवल व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास के लिए नहीं, बल्कि समाज के समग्र स्वास्थ्य और प्रगति के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
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(ii) विश्व पर्यावरण दिवस
**भूमिका:** विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। यह दिन विश्वभर में पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के महत्व को समझाने के लिए समर्पित है। इसकी शुरुआत 1972 में संयुक्त राष्ट्र की स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान हुई थी।
**क्या:** विश्व पर्यावरण दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है। इस दिन विभिन्न गतिविधियों और अभियानों के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार व्यवहार और सतत जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
**क्यों:** यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे पर्यावरण की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, वनों की कटाई और जैव विविधता की कमी जैसी समस्याएँ हमारे जीवन को प्रभावित कर रही हैं। यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं निकाला गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
**पर्यावरण पर प्रभाव:** विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन से पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ती है और वे अपने रोजमर्रा के जीवन में पर्यावरण संरक्षण के उपाय अपनाते हैं।
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(iii) लड़की पढ़े तो घर शिक्षित हो जाए
जब एक लड़की शिक्षा प्राप्त करती है, तो इसका प्रभाव केवल उसके व्यक्तिगत विकास तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह उसके परिवार और समाज पर भी गहरा प्रभाव डालता है। शिक्षा केवल व्यक्तिगत ज्ञान और कौशल तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह आत्म-संवर्धन, आत्म-सम्मान, और आत्म-निर्भरता की ओर भी ले जाती है। जब एक लड़की पढ़ाई करती है, तो उसे अपने अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता प्राप्त होती है, जिससे वह अपने जीवन में बेहतर निर्णय ले सकती है। जब एक लड़की शिक्षा प्राप्त करती है, तो इससे उसका घर शिक्षित हो जाता है। शिक्षा प्राप्त लड़की परिवार के अन्य सदस्यों को भी शिक्षित करने में मदद करती है, खासकर बच्चों और युवाओं को। इस तरह, एक लड़की की शिक्षा पूरे परिवार के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है। शिक्षित घरों से निकलकर एक लड़की समाज में योगदान देती है, जो कि सामाजिक सुधार और विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
13. पत्र लेखन
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विद्यालय में नाटक का अभ्यास करने की अनुमति हेतु प्रधानाचार्य को पत्र
परीक्षा भवन अब स विद्यालय अब स नगर दिनांक-21/08/2020 सेवा में श्रीमान प्रधानाचार्य जी हरीश पब्लिक स्कूल कृष्ण नगर विषय- स्कूल के बाद विद्यालय में रुककर विद्यार्थियों को नाटक का अभ्यास करने की अनुमति हेतु पत्र महोदय, सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं 'बी' कक्षा का छात्र हूँ। आगामी सप्ताह में अंतर्विद्यालयी नाटक प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। इस प्रतियोगिता में मेरे विद्यालय से अनेक विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। समयाभाव के कारण इन प्रतिभागियों की तैयार अच्छी नहीं है। महोदय, कक्षा प्रतिनिधि होने के कारण मैं आपसे स्कूल के बाद रुककर अभ्यास करने की अनुमति चाहता हूँ। जिससे सभी विद्यार्थी प्रतियोगिता की अच्छी तैयारी कर सकें। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि सभी प्रतिभागी अनुशासित रहेंगे तथा प्रतियोगिता में उत्तम प्रदर्शन भी करेंगे। इसके लिए मैं और सभी विद्यार्थी सदैव आपके आभारी रहेंगे। सधन्यवाद आपका आज्ञाकारी छात्र प्रदीप कक्षा - 10 'ब' अनुक्रमांक - 18
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अथवा
पिता को माता के स्वास्थ्य के संबंध में पत्र
परीक्षा भवन, दिल्ली। दिनांक : 05 मार्च, 2019 पूज्यनीय पिता जी, सादर प्रणाम! आपका पत्र मिला। पढ़कर समाचार ज्ञात हुआ। आपने माता जी का हाल पूछा है। पिता जी, माता जी पिछले हफ्ते से बीमार चल रही हैं। कल दूसरे डॉक्टर को दिखाया, तो उसने खून की कमी बताई। हम लोगों ने डॉक्टर के कहे अनुसार इलाज शुरू कर दिया है। आप चिंता न करें। आशा है कि माता जी कुछ ही दिनों में बिलकुल स्वस्थ हो जाएँगी। चाचा जी को मेरी नमस्ते कहिए। भाई को प्यार। आपका आज्ञाकारी पुत्र, हर्ष
14. ईमेल लेखन / लघुकथा लेखन
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ईमेल लेखन: नई बस सेवा शुरू करने के संबंध में
From: pawan@mycbseguide.com To: dlwb@delhigovt.nic.in CC... BCC... विषय - नई बस सेवा शुरू करने के संबंध में महोदय, मैं पालम कॉलोनी निकट राज नगर का निवासी हूँ। यह क्षेत्र आउटर रोड से डेढ़-दो किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से निकटतम बस स्टैंड भी इतनी ही दूर है। इस दूरी का नाजायज फायदा रिक्शावाले तथा आटोवाले उठाते हैं। आप हज़ारो व्यक्तियों के हित को ध्यान में रखते हुए पालम कॉलोनी से बस अड्डा होते हुए केंद्रीय सचिवालय तक के लिए नई बस सेवा आरंभ करने की कृपा करें ताकि यहाँ के निवासियों एवं कर्मचारियों का समय, श्रम तथा धन बच सके। हम क्षेत्रवाले आपके आभारी होंगे। पवन
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अथवा
लघुकथा लेखन: वृक्ष की व्यथा
मैं एक वृक्ष हूँ और आज मैं आपको अपनी लघुकथा सुना रहा हूँ। सबसे पहले मैं एक बीज के रूप में जमीन के अंदर बो दिया जाता हूँ। फिर मिट्टी, पानी और हवा की मदद से मुझमें जमीन के अंदर जड़ें, जमीन के बाहर कोंपलें फूटतीं, फिर डालियाँ निकलती हैं और फिर कुछ वर्षों में मैं एक विशाल वृक्ष बन जाता हूँ। बड़े होने के बाद मुझमें फल आने लगते हैं और लोग मेरे फलों का आनंद लेते हैं। मैं सभी को फल के अलावा शुद्ध हवा और गर्मी से बचने के लिए छाँव भी देता हूँ। और फिर जब मैं बूढ़ा हो जाता हूँ, तो मुझे काटकर उसी घर के चूल्हे में जला दिया जाता है, जिसकी सेवा में मैंने अपना पूरा जीवन लगा दिया।
15. संवाद लेखन / सूचना लेखन
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संवाद लेखन: दो मित्रों के बीच संवाद
मयंक - बधाई हो मित्र! दसवीं कक्षा में शत-प्रतिशत अंक लाकर तुमने कमाल कर दिया। जसप्रीत - धन्यवाद, यह सब तो माता-पिता के आशीर्वाद तथा तुम जैसे मित्रों की शुभकामनाओं का फल है। मयंक - इतनी बड़ी सफलता पाकर भी तुम्हें जरा-सा घमंड नहीं है। यही आदत तुम्हें सबसे अलग और विशेष बनाती है। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि तुम इसी तरह अपने जीवन में सफलता पाओं और अपने लक्ष्य को प्राप्त करो। जसप्रीत - वास्तव में, तुम मेरे सच्चे मित्र हो, जो मेरी सफलता पर इतने प्रसन्न हो। आज के समय में तुम्हारे जैसा मित्र मिलना सौभाग्य का विषय है। मयंक (हँसते हुए) - अब बातों से ही पेट भर दोगे? सफलता की खुशी में मुंह मीठा नहीं कराना है! जसप्रीत - हाँ, हाँ ज़रूर। चलो, घर चलो।
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अथवा
सूचना लेखन: व्यक्तित्व-विकास शिविर का आयोजन
8 जून, 2024 डीएवी पब्लिक स्कूल, गांधीनगर, रायपुर सूचना व्यक्तित्व-विकास शिविर का आयोजन कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि ग्रीष्मावकाश के दौरान डीएवी पब्लिक स्कूल, गांधीनगर, रायपुर में व्यक्तित्व-विकास शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विभिन्न कौशलों के विकास और स्वयं की समझ में सुधार के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण और शिक्षाप्रद कार्यक्रम है, जो आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन लाने का उद्देश्य रखता है। अतः सभी छात्रों से निवेदन है कि इस शिविर में भाग लेकर अपनी पेशेवर और व्यक्तिगत उन्नति में योगदान दें। धन्यवाद सचिव छात्र कल्याण संगठन