साखियाँ एवं सबद
Kabir Notes: Verses, Glossary & Q&A
📑 Table of Contents
📖 साखियाँ / Verses
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सतगुरु हम सूँ रीझि करि, एक कह्या प्रसंग।
बरस्या बादल प्रेम का, भीजि गया सब अंग। -
राम नाम के पटतरे, देबे कौ कछु नाहि।
क्या ले गुरु संतोषिए, हौस रही मन माहि। -
कबीर संगति साधु की, जौ करै तो लाभ।
लाभ होत है सब तरह, होत न एकहु पाप। -
हिन्दू मूआ राम कहि, मुसलमान खुदाई।
कहें कबीर सो जीवता, जो दुहूँ के निकटि न जाई। -
काबा फिरि कासी भया, रामहि भया रहीम।
मोट चून मैदा भया, बैठि कबीरा जीम। -
ऊँचे कुल का जनमिया, जे करनी ऊँच न होई।
सुबरन कलस सुरा भरा, साधू निंदा सोई।
📚 शब्दार्थ / Glossary
- ख मार्ना: मजबूर होना, वक्त बरबाद करना
- पखा-पखी: पक्ष-विपक्ष
- कारणै: कारण
- सुजान: चतुर, ज्ञानी
- निकटि: निकट, नज़दीक
- काबा: मुसलमानों का पवित्र तीर्थस्थल
- मोट चून: मोटा आटा
- जनमिया: जन्म लेकर
- सुरा: शराब
- टाटी: बाँस आदि की फ़ट्टियों का बना परदा
- थूँनी: खंभा, टेक
- बलिंडा: छत की मज़बूत मोटी लकड़ी
- छाँनि: छाजन, छप्पर
- भाँडा फूटा: भेद खुला
- निरचू: थोड़ा भी
- चुवै: चूता है, रिसता है
- बूठा: बरसा
- खींनां: क्षीण हुआ
📌 Important Question-Answers
Q1. कबीर का जन्म और मृत्यु कब हुई?
👉 जन्म: सन् 1398, काशी; मृत्यु: सन् 1518, मगहर।
Q2. कबीर की काव्य भाषा की विशेषता क्या है?
👉 सरल, सहज, जनभाषा के निकट; दार्शनिक चिंतन को सहज रूप में प्रस्तुत करती है।
Q3. कबीर ने किस विषय पर खंडन किया?
👉 धार्मिक और सामाजिक भेदभाव, कर्मकांड, और पाखंड पर।
Q4. “हिन्दू मूआ राम कहि, मुसलमान खुदाई” का अर्थ क्या है?
👉 कबीर कहते हैं कि सच्चा मानव वही है जो धार्मिक सीमाओं से ऊपर उठकर ईश्वर को जानता है।
Q5. कबीर की साखियाँ किस परंपरा का हिस्सा हैं?
👉 भक्तिकालीन निर्गुण संत परंपरा।
✨ Quick Revision Points
- Poets: कबीर (1398–1518)
- Key Themes: ईश्वर-प्रेम, भेदभाव का खंडन, सत्संग, वैराग्य
- Language: सरल, सहज, जनभाषा के निकट
- Collections: कबीर बीजक, गुरु ग्रंथ साहिब
- Important Verse: “सतगुरु हम सूँ रीझि करि…” emphasizing compassion and detachment