दो बैलों की कथा – टेस्ट पेपर 01
सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी ए
प्रश्न
Question No. 1 to 5 are based on the given text. Read the text carefully and answer the questions:
नीलाम हो जाने के बाद दोनों मित्र उस दढ़ियल के साथ चले। दोनों की बोटी-बोटी काँप रही थी। बेचारे पाँव तक न उठा सकते थे, पर भय के मारे गिरते-पड़ते भागे जाते थे; क्योंकि वह जरा भी चाल धीमी हो जाने पर ज़ोर से डंडा जमा देता था। राह में गाय-बैलों का एक रेवड़ हरे-हरे हार में चरता नजर आया। सभी जानवर प्रसन्न थे, चिकने, चपल कोई उछलता था, कोई आनंद से बैठा पागुर करता था। कितना सुखी जीवन था इनका, पर कितने स्वार्थी हैं सब। किसी को चिंता नहीं कि उनके दो भाई बधिक के हाथ पड़े कैसे दुःखी हैं।
सहसा दोनों को ऐसा मालूम हुआ कि यह परिचित राह है। हाँ, इसी रास्ते से गया उन्हें ले गया था। वही खेत, वही बाग, वही गाँव मिलने लगे। प्रतिक्षण उनकी चाल तेज होने लगी। सारी थकान, सारी दुर्बलता गायब हो गई। आह? यह लो !
अपना ही घर आ गया। इसी कुएँ पर हम पुर चलाने आया करते थे, यही कुआँ है।
- दढ़ियल व्यक्ति कौन था?
- दढ़ियल के साथ जाते हुए बैलों की दशा कैसी थी?
- नीलामी के दौरान बैलों ने कैसा व्यवहार किया?
- लेखक ने जानवरों को स्वार्थी क्यों कहा?
- कौन-से गाँव, खेत और बाग बैलों के परिचित थे?
- हीरा और मोती में क्या सामान्य था?
- हीरा और मोती की कौन-सी विशेषता उन्हें जानवरों में सर्वोपरि बनाती है?
- ‘दो बैलों की कथा’ पाठ के आधार पर जानवरों के आत्मीय संबंधों को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
- झूरी के साले गया का घर बैलों के लिए पराया घर क्यों लगा?
- ‘एकता में शक्ति’ होती है, हीरा और मोती ने इस कथन को किस प्रकार सिद्ध किया?
- हीरा और मोती ने अपने मालिक झूरी का साथ क्यों छोड़ा?
- झूरी ने अपने बैलों को गया के पास क्यों भेजा?
- जानवरों में एकता की भावना को इस पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।
- गधे को मूर्खता का पर्याय क्यों माना जाता है? क्या आप इससे सहमत हैं?
- हीरा-मोती का मालिक झूरी उन्हें बहुत चाहता था। इस कथन के पक्ष में दो तर्क दीजिए।
समाधान
- उत्तर: a. एक बधिक अर्थात् कसाई
- उत्तर: c. डरे हुए
- उत्तर: c. वे डरकर भागने लगे।
- उत्तर: b. क्योंकि वे दूसरों के दुख से उदासीन थे।
- उत्तर: c. झूरी के
- उत्तर: हीरा और मोती दोनों बहुत सुंदर, काम करने में चुस्त और ऊँचे कद के थे।
- उत्तर: हीरा और मोती की सबसे बड़ी विशेषता उनमें निहित गुण, एकता, सहनशीलता, निस्वार्थ भाव और त्याग है जो उन्हें जानवरों में सर्वोपरि बनाती है। वे विपरीत परिस्थितियों में भी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ते हैं।
- उत्तर: प्रेमचंद ने ‘दो बैलों की कथा’ में जानवरों के बीच के आत्मीय संबंधों को बहुत ही सहजता से दर्शाया है। इस कहानी में लेखक ने यह दिखाया है कि जानवर भी आपस में एक-दूसरे के प्रति बहुत आत्मीयता रखते हैं। हीरा और मोती का अपने मालिक झूरी के प्रति प्रेम और एक-दूसरे के प्रति स्नेह इसी आत्मीयता को दर्शाता है।
- उत्तर: झूरी का साला गया उन्हें ले जाते समय उनसे बहुत क्रूरता से पेश आता था। वह उन्हें बार-बार डंडा मारता था, उनके साथ बुरा व्यवहार करता था और उन्हें भरपेट भोजन भी नहीं देता था। झूरी के घर उन्हें सम्मान मिलता था, परायापन नहीं, इसलिए उन्हें गया का घर पराया लगा।
- उत्तर: ‘एकता में शक्ति होती है’ यह कथन हीरा-मोती ने सिद्ध करके दिखाया है। उन्होंने पूरे पाठ में अपने साहस और एकता का प्रदर्शन किया है। पकड़े जाने पर वे जोर लगाकर भागते हैं और पकड़ में नहीं आते हैं। अपने से भारी-भरकम और खूँखार साँड़ को वे दोनों मिलकर पराजित करने में सफल होते हैं। दोनों मित्र मिलकर कांजीहौस की दीवार गिराकर जानवरों को आज़ाद कराते हैं। नीलाम होने पर वे दढ़ियल से मुकाबला कर अपनी जान बचा लेते हैं और अपने मालिक के पास पहुँच जाते हैं। इससे सिद्ध होता है कि एकता में शक्ति होती है।
- उत्तर: हीरा-मोती को झूरी ने अपने साले गया को थोड़े दिन के लिए दिया था पर उन्हें यह लगा कि झूरी ने उन्हें बेच दिया है। उन्हें लगा कि उनका मालिक इतना निर्मम और कठोर हृदय का नहीं हो सकता। वे उससे बिछड़ना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने झूरी का साथ छोड़ दिया।
- उत्तर: झूरी ने अपने बैलों को कुछ दिनों के लिए अपने साले गया को इसलिए भेजा था क्योंकि गया को खेती के काम के लिए बैलों की आवश्यकता थी और उसने झूरी से बैलों को माँगा था।
- उत्तर: इस कहानी में जानवरों में एकता की भावना को दर्शाया गया है। हीरा और मोती एक दूसरे को संकट के समय में सहारा देते हैं। एक दूसरे का साथ निभाते हैं और मिलकर खूँखार साँड़ से लड़कर उसे पराजित करते हैं।
- उत्तर: गधे को उसके स्वभाव के आधार पर मूर्खता का पर्याय समझा जाता है, पर लेखक प्रेमचंद ने उसकी स्वाभाविक विशेषताओं, सरलता और सहनशीलता के आधार पर उसे मूर्ख नहीं कहा है बल्कि वे एक नए अर्थ की ओर हमारा ध्यान खींचते है। गधे में निहित गुणों के आधार पर लेखक ने उसकी तुलना ऋषि-मुनियों से की है। सुख-दुख, लाभ-हानि तथा विपरीत परिस्थितियों में एक जैसा बने रहने के गुण के कारण लेखक ने उसके सरल और सहनशील होने की ओर संकेत किया है। उसकी सहिष्णुता को उन ऋषि-मुनियों के समान बताया है जो हर परिस्थिति में एक समान व्यवहार करते हैं।
- उत्तर: हीरा-मोती का मालिक झूरी उन्हें बहुत चाहता था। वह बैलों के चारा-पानी का ध्यान रखते हुए लगाव रखता था। हीरा-मोती भी अपने मालिक झूरी को बेहद प्यार करते थे और खुशी-खुशी उसका सारा काम करते थे। ऐसे में जब झूरी का साला गया उन्हें ले जाने लगा तो उन्होंने सोचा कि उनके मालिक ने उन्हें बेच दिया गया। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि उनके मालिक ने ऐसा क्यों किया। वे झूरी के लिए अपनी जान लगाकर काम करना चाहते थे, पर उन्हें अपना यूं बेचा जाना पंसद न था इसलिए वे गया के…