संवाद लेखन – टेस्ट पेपर 01
सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी ए
प्रश्न
- दुनिया में भुखमरी और कुपोषण विषय पर अपने मित्र के साथ संवाद 50 शब्दों में लिखिए।
- अध्यापक और अनुपस्थित रहनेवाले छात्र राहुल के बीच संवाद लिखिए।
- बस में किसी अपरिचित से मित्रता करते हुए यात्रियों के बीच संवाद को लिखिए।
- देश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर मोहित और राहुल दो मित्रों के बीच होने वाले संवाद को लिखिए।
समाधान
-
उत्तर:
राहुल: आओ मोहित, बैठो। तुम्हें पता है हमारे देश में भुखमरी और कुपोषण बच्चों का बचपन छीन रहा है।
मोहित: राहुल अपना देश ही क्या दुनिया में बहुत से ऐसे देश है, खासकर, अफ्रीकी देश जो इस समस्या का सामना कर रहे हैं।
राहुल: हाँ! हमारे देश के भी कई प्रदेशों में यह समस्या है। हाँ! कहीं-कहीं धनाभाव के कारण दो वक्त का खाना नसीब नहीं है और कहीं प्राकृतिक आपदाओं में सब नष्ट हो गया है इसलिए खाना नसीब नहीं है।
मोहित: बिलकुल ठीक कह रहे हो राहुल, भुखमरी ही कुपोषण का कारण है। कहीं-कहीं पैदावार को अत्यधिक खादों एवं कीटनाशकों से जहरीला बनाकर कुपोषण की ओर ढकेल रहे हैं। अतः सारी दुनिया को जागरूक होकर अब भुखमरी व कुपोषण के खिलाफ जागरूक होना ही होगा।
-
उत्तर:
राहुल: (कक्षा के बाहर से) गुरु जी! क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
अध्यापक: हाँ-हाँ, आओ। इतनी देर से क्यों आए?
राहुल: (कक्षा में आकर) प्रणाम गुरु जी !
अध्यापक: तुम काफी दिनों के बाद विद्यालय आए हो।
राहुल: गुरु जी, क्षमा करें। मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। आज भी मैं डॉक्टर से दवा लेकर आ रहा हूँ। इसलिए देर हो गई।
अध्यापक: अच्छा-अच्छा, बैठो। बेटा, तुम्हें क्या हो गया था?
राहुल: गुरु जी, मुझे पिछले कई दिनों से बुखार आ रहा है और ठीक होने का नाम नहीं ले रहा।
अध्यापक: बेटा, बुखार होने पर रक्त की जाँच अवश्य करा लेनी चाहिए, क्योंकि इन दिनों शहर में मलेरिया ने जोर मारा हुआ है।
राहुल: ठीक है गुरु जी, मैं आज ही अपने डॉक्टर से बात करके खून की जाँच करा लूँगा।
-
उत्तर:
पहला यात्री: भाई साहब! यह बस कहाँ तक जा रही है?
दूसरा यात्री: आपको कहाँ जाना है भाई?
पहला यात्री: मुझे तो करनाल जाना है।
दूसरा यात्री: आ जाओ भाई, बस करनाल तक ही जा रही है। जल्दी करो, चलने ही वाली है।
पहला यात्री: पहले टिकट तो ले लें।
दूसरा यात्री: आप आ जाइए। बस कंडक्टर ने बस में ही टिकट देने को कहा है।
पहला यात्री: ठीक है, आप मेरे लिए एक सीट रखिए, जब तक मैं आ रहा हूँ।
दूसरा यात्री: करनाल में आप किसी कार्य से जा रहे हैं और वहाँ किस जगह ठहरेंगे?
पहला यात्री: मेरे मित्र का गृहप्रवेश है। अतः मेरा जाना आवश्यक था। वहीं जा रहा हूँ।
दूसरा यात्री: क्या इत्तफ़ाक की बात है। मैं भी अपने मित्र के गृहप्रवेश में ही जा रहा हूँ।
पहला यात्री: अच्छा! तो आप भी मि. शर्मा के घर जा रहे हैं।
दूसरा यात्री: अरे! मैं भी तो वहीं जा रहा हूँ।
पहला यात्री: अच्छा! तो आप भी मि. शर्मा के घर जा रहे हैं।
दूसरा यात्री: हाँ भाई, मैं भी वहीं जा रहा हूँ। वह मेरे परम मित्र हैं।
पहला यात्री: अरे! वह तो मेरे भी परम मित्र हैं। अब तो हमारी भी मित्रता हो गई। चलिए साथ ही चलते हैं।
-
उत्तर:
मोहित: अरे राहुल! क्या बात है? इतने उदास क्यों लग रहे हो?
राहुल: क्या बताऊँ मोहित देश में भ्रष्टाचार तो कुकुरमुत्ते की भांति फैलता ही जा रहा है।
मोहित: राहुल तुम सच कह रहे हो। भ्रष्टाचार के कारण आज हमारा जीना हराम हो गया है।
राहुल: क्या बात है, मोहित, तुम तो मेरी बात सुनकर कुछ ज्यादा ही परेशान हो गए हो। कुछ हुआ है क्या?
मोहित: एक बात है राहुल, तुम बताओ क्या तुम भ्रष्टाचार से त्रस्त नहीं हो? क्या तुम्हारा सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा है?
राहुल: नहीं, यार! ठीक-ठाक क्या चलेगा? बस अपना काम तो कर ही लेता हूँ।
मोहित: क्या? तुम अपना काम कैसे निकालते हो? क्या तुम भी अपना काम निकालने के लिए भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देते हो।
राहुल: मज़बूरी है यार क्या करूँ?
मोहित: ठीक है तो मेरी तुम्हारी दोस्ती समाप्त! मैं भ्रष्टाचारियों के साथ नहीं रह सकता।
राहुल: नहीं यार, मैं सबकुछ छोड़ दूँगा तुम्हें नहीं छोड़ सकता! आज से मैं किसी को भी रिश्वत नहीं दूँगा।