बच्चे काम पर जा रहे हैं – टेस्ट पेपर 01

बच्चे काम पर जा रहे हैं टेस्ट पेपर 01

सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी ए

खंड ख – व्यावहारिक व्याकरण

प्रश्न

Question No. 1 to 5 are based on the given text. Read the text carefully and answer the questions: क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेदें क्या दीमकों ने खा लिया है सारी रंग-बिरंगी किताबों को क्या काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं सारे खिलौने क्या किसी भूकंप में ढह गई हैं सारे मदरसों की इमारतें क्या सारे मैदान, सारे बगीचे और घरों के आँगन खत्म हो गए हैं एकाएक

  1. अपने भरण-पोषण के लिए काम करना, तो अच्छी बात है परंतु बच्चों का काम पर जाना कवि को चिंता का विषय क्यों लग रहा है? a. वे बीमार होते जा रहे हैं b. क्योंकि कम उम्र में ही उनका बचपन छिन गया है c. देश में गरीबी फैलती जा रही है d. वे जिम्मेदारियों के बोझ से दब गए हैं
  2. मदरसों की इमारतें ढहने से कवि का क्या तात्पर्य है? a. मदरसों को तोड़ दिया गया है b. विद्यालय नष्ट हो गए हैं c. मदरसों की इमारतें टूट गई हैं d. मदरसे ध्वस्त हो गए हैं
  3. ‘क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदे’ पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है? a. बच्चों की सुख-सुविधाएँ नष्ट हो गई हैं b. गेंद का मूल्य बढ़ गया था c. बच्चों को पढ़ने के लिए विद्यालय नहीं जाने दिया जाता d. सभी गेंद खराब हो गई हैं
  4. बच्चों को किस प्रकार की सुख-सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए? a. मनोरंजन की b. खेलने-कूदने की c. सभी विकल्प सही हैं d. उचित शिक्षा की
  5. प्रस्तुत काव्यांश किसके ईद-गिर्द घूमती नज़र आती है? a. देश के भविष्य पर b. अमीर परिवार के बच्चों पर c. बचपन की घटनाओं पर d. गरीब व श्रमिक वर्ग के बच्चों पर
  6. बच्चे काम पर जा रहे हैं काव्य के संदर्भ में सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं? a. अपने माता पिता के कारण b. अशिक्षा के कारण c. काम पर जाने के कारण d. गरीबी के कारण
  7. कवि राजेश जोशी ने अपनी कविता ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ में मुख्य रूप से किस छंद का प्रयोग किया है? a. विषम b. अतुकान्त c. तुकान्त d. सवैया
  8. कवि राजेश जोशी ने अपनी कविता ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ में ‘हस्बमामूल’ शब्द का प्रयोग किस अर्थ में किया है ? a. सारे गेंदों का खो जाना b. सभी वस्तुओं का अपने स्थान पर होना c. विद्यालयों का भूकंप में नष्ट हो जाना d. दीमक द्वारा सारी पुस्तकों का नाश कर देना
  9. बच्चे काम पर जा रहे हैं काव्य के संदर्भ में कवि के अनुसार बचपन कैसा होना चाहिए? a. बचपन मधुर कल्पना जैसा होना चाहिए b. बचपन में पढ़ना भी चाहिए c. बचपन खुशियों से भरा होना चाहिए d. बचपन में काम करना चाहिए
  10. बच्चे काम पर जा रहे हैं काव्य के संदर्भ में कवि के अनुसार बच्चों की किताबों को कौन खा गई? a. दीमक b. गाय c. बकरी d. जंग
  11. ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता का उददेश्य क्या है?
  12. बच्चों को काम पर जाता देखकर आपके मन में जो विचार आते हैं उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
  13. कवि राजेश जोशी ने बच्चों के काम पर जाने की पीड़ा को किस तरह व्यक्त किया है?
  14. ‘दुनिया की हजारों सड़कों से गुजरते हुए’ कहकर कवि ने किस ओर संकेत किया है? बच्चे काम पर जा रहे हैं कविता के आलोक में लिखिए।
  15. बच्चे काम पर जा रहे हैं कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।

समाधान

  1. (b) क्योंकि कम उम्र में ही उनका बचपन छिन गया है
  2. (b) विद्यालय नष्ट हो गए हैं
  3. (a) बच्चों की सुख-सुविधाएँ नष्ट हो गई हैं
  4. (c) सभी विकल्प सही हैं
  5. (d) गरीब व श्रमिक वर्ग के बच्चों पर Explanation: गरीब व श्रमिक वर्ग के बच्चों पर
  6. (d) गरीबी के कारण Explanation: बच्चे काम पर जा रहे हैं काव्य के संदर्भ में सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे गरीबी के कारण वंचित हैं।
  7. (b) अतुकान्त Explanation: अतुकान्त। जहां चरण के अंत में किसी प्रकार की कोई आवृत्ति नहीं की गई है अतः अतुकांत छंद है।
  8. (b) सभी वस्तुओं का अपने स्थान पर होना Explanation: बच्चों के लिए जरूरी होता है गेंद, पुस्तकें, विद्यालय आदि का होना। सभी वस्तुएं अपने स्थान पर है परंतु छोटे-छोटे बच्चे काम पर जा रहे हैं।
  9. (c) बचपन खुशियों से भरा होना चाहिए Explanation: बच्चे काम पर जा रहे हैं काव्य के संदर्भ में कवि के अनुसार बचपन खुशियों से भरा होना चाहिए।
  10. (a) दीमक Explanation: बच्चे काम पर जा रहे हैं काव्य के संदर्भ में कवि के अनुसार बच्चों की किताबों को शायद दीमक खा गई।
  11. ‘बच्चे काम पर जा रहे है’ कविता का उद्देश्य बाल-मजदूरी को रोकना तथा बच्चों की इस दयनीय दशा के प्रति समाज का ध्यान आकर्षित कराना है। बच्चों को काम पर जाता हुआ देखकर कवि अत्यंत दुखी और हताश है। वह लोगों के मन में उन बच्चों के प्रति संवेदना उत्पन्न करना चाहता है। वह चाहता है कि खेलने-कूदने तथा पढ़ने की इस उम्र में बच्चों को काम पर नहीं भेजा जाना चाहिए। उन्हें पढ़ाई-लिखाई तथा खेलने-कूदने का पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए। समाज के लोगों की यह जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे बच्चों को काम करने से रोकें तथा उनका छिनता बचपन लौटाएँ ताकि वे अच्छे और सुयोग्य नागरिक बन सकें क्योंकि ऐसे बच्चे ही अपना जीवन खुशहाल कर देश की उन्नति में सहायक होते हैं।
  12. बच्चों को काम पर जाता देखकर हमारे मन में यह विचार आता है कि इस उम्र में बच्चों को काम पर नहीं जाना चाहिए। उन्हें काम करने के बजाय पढ़ने लिखने और खेलने-कूदने का अवसर मिलना चाहिए। यदि उन्हें ऐसे अवसर प्रदान किये जाए तो ये मज़दूर न बनकर योग्य नागरिक बन सकेंगे और समाज व देश की प्रगति में अपना योगदान देने में सक्षम होंगे।
  13. इस कविता के माध्यम से कवि ने बच्चों को काम पर जाते हुए देखकर अपनी पीड़ा की अभिव्यक्ति की है। समाज की संवेदनहीन मनोवृत्ति को देखकर वह दुखी होता है। बच्चों को काम पर जाता हुआ देखकर समाज तनिक भी विचलित नहीं होता है। लोगों के लिए यह सामान्य सी बात है। बच्चों का नष्ट होता बचपन तथा उनका नष्ट होता भविष्य देख कवि दुखी होता है। उसे इस बात का भी दुःख है कि समाज इस ओर से अनजान बना हुआ है। समाज की यह संवेदनहीनता, तटस्थता देख कवि को बहुत पीड़ा होती है।
  14. ‘दुनिया की हजारों सड़कों से गुजरते हुए’ कहकर कवि ने बाल मजदूरी जैसी व्यापक समस्या की ओर संकेत किया है। यह समस्या किसी समाज या देश विशेष की न होकर पूरे विश्व की समस्या है। गरीबी के कारण सारी दुनिया में लाखों-करोड़ों बच्चे बाल श्रमिक बनने को मजबूर हैं। उनकी इसी विवशता ने उनसे उनका बचपन छीन लिया है। अतः काम पर जाना उनकी मजबूरी बन गया है।
  15. कविता की पहली दो पंक्तियाँ पढ़कर हमारे मन में बच्चों के प्रति करुणा तथा व्यवस्था के प्रति आक्रोश का भाव जाग्रत होता है। सर्दी तथा कोहरे में बच्चों को घर में होना चाहिए। यह उम्र उनके खेलने-कूदने की है। उन्हें पढ़ने के लिए विद्यालय जाना चाहिए और खेलना चाहिए। पर यह बच्चों की विंडबना ही है कि इस उम्र में उन्हें अपनी जीविका चलने के लिए काम पर जाना पड़ रहा है। पता नहीं इस राष्ट्रीय समस्या का समाधान कब होगा।
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