पत्र लेखन – टेस्ट पेपर 01
सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी ए
खंड क – पत्र लेखन
प्रश्न
- आपका एक मित्र मसूरी में रहता है। आप उसके आमंत्रण पर ग्रीष्मावकाश में वहाँ गए थे और प्राकृतिक सौंदर्य का खूब आनंद उठाया था। घर वापस लौटने पर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
- अपने अभद्रतापूर्ण व्यवहार के लिए खेद प्रकट करते हुए प्रधानाचार्य को क्षमा-याचना का पत्र लिखिए।
- अपने क्षेत्र के विधायक को पत्र लिखकर अपने गाँव में एक बालिका विद्यालय की स्थापना के लिए अनुरोध कीजिए।
- अपने प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर अनुरोध कीजिए कि ग्रीष्मावकाश में विद्यालय में रंगमंच प्रशिक्षण के लिए एक कार्यशाला राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सहयोग से आयोजित की जाए। इसकी उपयोगिता भी लिखिए।
समाधान
-
उत्तर:
विवेकानंद मार्ग,
नई दिल्ली- 18,
दिनांक- 10 जून 20….1
प्रिय मित्र,
सप्रेम नमस्कार।
आशा है तुम्हारे परिवार में सब सकुशल होंगे। मन में मसूरी और तुम्हारी असंख्य स्मृतियाँ संजोकर में कल प्रातः यहाँ पहुँचा। मित्र, में तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहता हूँ। इस पर्वतीय मसूरी यात्रा से मैं इतना अभिभूत हुआ हूँ कि उस अनुभूति को शब्दों में बाँधना असंभव-सा लग रहा है।
मित्र तुम्हारा शहर देवदार, चीड़ और सेब के जंगलों से घिरा हुआ है। तुम्हारे साथ इसके प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना मेरे लिए अविस्मरणीय पल थे। चारों ओर हरी-भरी मखमली चादर ओढ़े, फूलों की खुशबू तथा पेड़ों के अप्रतिम सौंदर्य से ओत-प्रोत प्रकृति का अनुपम खजाना, मसूरी, सचमुच पर्वतीय क्षेत्रों की धड़कन है। वहाँ के पहाड़ों को देखकर ऐसा लग रहा था कि कोई ऋषि दीर्घकाल से ध्यानस्थ अवस्था में बैठा है। मित्र, ऊँचे-ऊँचे वृक्ष, कल-कल करते झरने देखकर हमारा मन कितना रोमांचित था। घुमावदार सड़कें, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, अद्भुत मंजर देखकर मैं बहुत हतप्रभ था।
मित्र ग्रीष्मावकाश में तुम्हारे साथ बिताया यह समय शायद मैं कभी भूल नहीं सकता। झुलसाती गर्मी से दूर, तुम्हारे साथ मसूरी के प्राकृतिक सौदर्य का आनंद लेना मेरे लिए सुखद व शिक्षाप्रद भी रहा।
चाचा जी को मेरा सादर नमस्ते कहना। टिंकू को प्यार।
तुम्हारा मित्र,
विनोद।
-
उत्तर:
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी
केनेडी पब्लिक स्कूल
पालम
विषय-अभद्र व्यवहार के लिए क्षमा याचना
महोदय,
कल दिनांक 16 जनवरी, 2019 को फुटबाल खेलते समय प्लेग्राउंड पर एक अन्य खिलाड़ी ने जानबूझकर मेरे पैर में टँगड़ी मारकर मुझे गिरा दिया और मैं गोल करने से चूक गया और मुझे चोट भी लग गई। जिससे मैं क्रोध को नहीं रोक पाया और उस छात्र खिलाड़ी के लिये अपशब्द अनायास निकल गए जो नहीं होना चाहिए था। रेफरी के होते हुए मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था और उनसे शिकायत करनी चाहिये थी।
मैं अपने अभद्र व्यवहार के लिए खेद प्रकट करता हूँ और आपसे क्षमा याचना करता हूँ। खिलाड़ी को हमेशा अनुशासित और संयमित होना चाहिए ऐसा हमें सिखाया गया है लेकिन मुझसे यह गलती हो गई। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि इस प्रकार की गलती भविष्य में नहीं करूंगा। अतः मुझे क्षमा कर अनुगृहीत करें। यदि आप कहेंगे तो सम्बधित छात्र से भी मैं माफी माँगने को तैयार हूँ।
आशा है आप मेरी अभद्रता को क्षमा कर देंगे।
धन्यवाद
भवदीय
हरी सिंह
कक्षा 10 (अ)
दिनांक 17 जनवरी, 2019
-
उत्तर:
सेवा में,
माननीय विद्यायक जी
बिजवासन विधान सभा
विधायक निवास
स्टेशन रोड, बिजवासन
विषय- साध नगर में बालिका विद्यालय की स्थापना के संदर्भ में
महोदय,
साध नगर बिजवासन विधान सभा क्षेत्र का एक बड़ा गाँव है किन्तु वहाँ बालिकाओं कि उच्च शिक्षा के लिए कोई विद्यालय नही है। यहाँ कक्षा आठ के उपरान्त बालिकाओं की शिक्षा का कोई प्रबन्ध नहीं है। परिणामतः इस क्षेत्र की लड़कियाँ कक्षा आठ के उपरान्त घर पर बैठ जाती हैं, आगे पढ़ाई नहीं कर पातीं, ग्रामीण माता-पिता भी उन्हें शहर भेजना नहीं चाहते। कुछ लोगों ने साहस दिखाया लेकिन उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
आपसे अनुरोध है कि इस क्षेत्र में बालिकाओं के लिये एक सरकारी इण्टर कॉलेज एवं डिग्री कॉलेज खुलवा दें। इससे क्षेत्र की लड़कियों का बहुत भला होगा और शिक्षा क्षेत्र में वे प्रगति कर सकेंगी और गाँव में स्वस्थ वातावरण का निर्माण हो पाएगा।
आशा है आप हमारी प्रार्थना को स्वीकार कर इस दिशा में सक्रिय प्रयास करेंगे।
सधन्यवाद
-
उत्तर:
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
डी.ए.वी. स्कूल (विद्यालय)
द्वारका-6, दिल्ली
विषय- रंगमंच प्रशिक्षण हेतु कार्यशाला का आयोजन
श्रीमान् जी,
सविनय निवेदन है कि मैं इस वर्ष ग्रीष्मावकाश में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सहयोग से रंगमंच प्रशिक्षण के लिए दस दिवसीय एक कार्यशाला का आयोजन विद्यालय परिसर में करने की अनुमति चाहता हूँ।
रंगमंच एक ऐसा माध्यम है जो न केवल हम छात्रों के विचारों को एक दिशा प्रदान करेगा बल्कि उन्हे भविष्य के लिए भी निर्देशित करेगा। इससे होने वाले लाभों से मैं आपको परिचित कराना चाहता हूँ। रंगमंच का प्रशिक्षण लेने से छात्रों के व्यक्तित्व का विकास होने के साथ ही उसकी दबी छिपी प्रतिभा को निखरने का अवसर प्राप्त होगा तथा छात्र अभिनय व कला द्वारा अन्तर्निहत शक्तियों को अभिव्यक्त करने में भी समर्थ होंगे। इसके साथ-साथ कुछ उच्छृंखल छात्रों को भी एक दिशा मिल जाएगी और इससे वे अपना समय इधर-उधर व्यतीत न कर एक उद्देश्यपूर्ण कार्य में लगायेगें व समय का सदुपयोग करेंगे।
अतः आपसे प्रार्थना है कि आप शीघ्रातिशीघ्र इस कार्यशाला का आयोजन करने की अनुमति प्रदान करें ताकि हम इस योजना को क्रियान्वित कर सकें।
सधन्यवाद !
प्रार्थी
गौरव
अनु. 32 दशमें क
डी.ए.वी. विद्यालय
द्वारका-6, दिल्ली
17 जनवरी, 2019