ग्राम श्री टेस्ट पेपर 01
सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी ए
प्रश्न
Question No. 1 to 5 are based on the given text. Read the text carefully and answer the questions:
फैली खेतों में दूर तलक
मखमल की कोमल हरियाली,
लिपटी जिससे रवि की किरणें
चाँदी की-सी उजली जाली !
तिनकों के हरे-हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक
श्यामल भू तल पर झुका हुआ
नभ का चिर निर्मल नील फलक !
- खेतों में दूर तक क्या फैला हुआ है?
- श्वेत, निर्मल जल
- इनमें से कोई नहीं
- फसलों की मखमली, कोमल हरियाली
- बगुलों की पंक्ति
- फसलों पर क्या लिपट गया है?
- सूरज की किरणें
- हरियाली
- बेलें
- पक्षी
- हिल हरित रुधिर है रहा झलक पंक्ति का आशय क्या है?
- खेतों में हरा खून बह रहा है
- हरे-हरे तिनके हा में खूब हिल रहे हैं
- हरे तिलकों में हरियाली नसों में बहते खून के समान समायी हुई है
- फसलों पर हरी पत्तियाँ लहरा रही हैं
- फसलों की हरियाली से किसका रंग साँवला हो गया है?
- आकाश का
- धरती का
- किसान का
- लताओं का
- चाँदी की सी उजली जाली में कौन-सा अलंकार है?
- रूपक
- यमक
- उपमा
- श्लेष
- सुमित्रानंदन पंत कविता के अनुसार अलसी की कली को कैसा बताया है?
- सोने जैसी
- पुखराज जैसी
- पन्ने जैसी
- नीलम जैसी
- ग्राम श्री कविता के अनुसार खेतों में हरियाली कैसी लग रही है?
- सोने जैसी
- चाँदी जैसी
- मखमल जैसी
- मरकत जैसी
- ग्राम श्री कविता के अनुसार धरती साँवली कैसे हो गई है?
- सूरज की किरणों से
- फसलों की हरियाली से
- लताओं के कारण
- सूखे पत्तों के कारण
- ग्राम श्री कविता के अनुसार में टमाटर के लिए क्या कहा गया है?
- हरा
- मखमली और लाल
- लाल
- मखमली
- सुमित्रानंदन पंत किस वाद के कवि थे?
- रहस्यवाद
- प्रयोगवाद
- छायावाद
- प्रगतिवाद
- ग्राम श्री कविता के आधार पर बसंत ऋतु में फलों और सब्जियों पर बहार कैसी-कैसी है?
- भाव स्पष्ट कीजिए-
बालू के साँपों से अंकित
गंगा की सतरंगी रेती - ग्राम श्री कविता के आधार पर गाँव के सौंदर्य की कुछ विशेषताएँ लिखिए।
- ग्राम श्री कविता के अनुसार पंतजी को प्रकृति का सुकुमार कवि क्यों कहते हैं?
- ग्राम श्री कविता में गाँव को मरकत डिब्बे सा खुला क्यों कहा गया है?
समाधान
- (c) फसलों की मखमली, कोमल हरियाली
- (a) सूरज की किरणें
- (c) हरे तिलकों में हरियाली नसों में बहते खून के समान समायी हुई है
- (b) धरती का
- (c) उपमा
- (d) नीलम जैसी
- (a) सोने जैसी
- (b) फसलों की हरियाली से
- (b) मखमली और लाल
- (c) छायावाद
- पेड़ों पर आडू, नींबू और अनार झूमने लगते हैं। अमरूद पक कर पीले और मीठे हो गए हैं। बेर सुनहरे दिखने लगे हैं, खेतों में हरी-हरी पालक लहलहाने लगती है तो वातावरण में धनिए की सुगंध फैलने लगी है। लाल रंग के मखमली टमाटरों से पौधे लद गए हैं। हरी मिर्चों के पौधे हरी-भरी थैली के समान दिखाई देने लगे हैं। बसंत ऋतु में फलों और सब्जियों की बहार देखने वाली होती है।
- गंगा नदी के किनारे-किनारे निरंतर बाढ़ आने के कारण इसके किनारों पर रेत फैली रहती है। गंगा के किनारे फैली इस रेत जैसे ही सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो वह चमक उठती है, रंग-बिरंगी दिखती है। पानी की लहरों एवं हवा के चलने के कारण इस रेत पर टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ बन जाती हैं और ये रेत पर सांप के रेंगने के समान आक्रति जैसे दिखाई देती हैं।
- ‘ग्राम श्री’ कविता में गाँव के सौंदर्य की निम्न विशेषताएँ उल्लेखनीय हैं
- गाँव में चारों ओर फैली हरियाली अत्यंत मनमोहक है।
- विभिन्न प्रकार के फूलों ने वातावरण को रंगीन और मादक बना दिया है। गाँव मरकत के खुले डिब्बे-सा नज़र आता है।
- अरहर और सनई की फलियों से आती ध्वनि धरती की करधनी-सी लगती है।
- धरती से झाँकती पीली सरसों ने भी वातावरण को सुंदर बना दिया है।
- पंतजी ने प्रकृति के कोमल और सुंदर रूप का चित्रण बहुत खूबसूरती और बारीकी से किया है, इसलिए पंतजी को ‘प्रकृति का सुकुमार कवि’ कहा जाता है। वे प्रकृति के प्रत्येक रूप के लिए अत्यंत कोमल एवं नए शब्दों का प्रयोग करते हैं।
- मरकत/पन्ना एक हरे रंग का रत्न होता है, मरकत के हरे रंग की तुलना गाँव की हरयाली से की गयी है। गाँव का वातावरण भी मरकत के खुले डिब्बे के समान हरा-भरा और चमकदार दिखाई देता है, इसलिए उसे मरकत के खुले डिब्बे सा खुला कहा कहा गया है।