कैदी और कोकिला टेस्ट पेपर 01
सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी ए
प्रश्न
Question No. 1 to 5 are based on the given text. Read the text carefully and answer the questions:
क्या?-देख न सकती जंजीरों का गहना?
हथकड़ियाँ क्यों? यह बिटिश-राज का गहना,
कोल्हू का चर्रक चूँ? – जीवन की तान,
गिट्टी पर अँगुलियों ने लिखे गान !
हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ,
खाली करता हूँ बिटिश अकड़ का कुआँ।
दिन में करुणा क्यों जगे, रुलानेवाली,
इसलिए रात में गज़ ढा रही आली?
इस शांत समय में,
अंधकार को बेध, रो रही क्यों हो?
कोकिल बोलो तो !
चुपचाप, मधुर विद्रोह-बीज
इस भाँति बो रही क्यों हो?
कोकिल बोलो तो !
- कवि ने हथकड़ियों को क्या कहकर संबोधित किया है?
- ब्रिटिश राज का गहना कहकर
- जीवन की तान कहकर
- मधुर विद्रोह के बीज कहकर
- ब्रिटिश अकड़ का कुआँ कहकर
- कवि को किसके कारण कारागार में जाना पड़ा है?
- चोरी करने के कारण
- स्वतंत्रता आंदोलन में संघर्ष करने के कारण
- डकैती करने के कारण
- हत्या करने के कारण
- ब्रिटिश शासन के विरुद्ध मधुर विद्रोह का बीज कौन बो रहा है?
- अँधेरी रात द्वारा
- चिड़िया अपनी चहचहाट से
- कवि अपनी कविता द्वारा
- कोयल अपने मधुर द्वारा
- कविता के आधार पर बताइए कि कवि का संघर्ष किसके विरुद्ध था?
- तात्कालिक जमींदारों के विरुद्ध
- तात्कालिक भारतीय सरकार के विरुद्ध
- तात्कालिक सामंतों के विरुद्ध
- तात्कालिक ब्रिटिश शासन के विरुद्ध
- ‘कोल्हू का चर्रक चूँ?-जीवन की तान’ से कवि का आशय है?
- जेल में कवि से कोल्हू चलवाते हैं
- कोल्हू चलाने से चर्रक चूँ की आवाज़ आती है
- कोल्हू चलाना अत्यंत कठिन है
- कोल्हू के चर्रक चूँ आवाज़ उसके जीवन का संगीत बन गई है
- ‘कैदी और कोकिला’ में कौन सी भावना की प्रमुखता है?
- सम्मान की
- राष्ट्रप्रेम की
- निराशा की
- निंदा की
- ‘कैदी और कोकिला’ के आधार पर बताइए कि जेल में बंद कैदी किसके माध्यम से जनता के मन में देशभक्ति की भावना जगाते थे?
- अपनी हथकड़ियों के
- अपनी रचना के
- कवि के
- कोकिला के
- कैदी और कोकिला काव्य के अनुसार ‘दावानल’ क्या है?
- जंगल की आग
- कोई नहीं
- आग
- भूख की आग
- ‘कैदी और कोकिला’ कविता में किस भाषा का प्रयोग है?
- संस्कृत भाषा का
- साहित्यिक खड़ी बोली का
- अवधी भाषा का
- ब्रजभाषा का
- ‘कैदी और कोकिला’ काव्य के संदर्भ में कोयल का स्वर किस भावना से युक्त है?
- प्रेम की
- त्याग की
- देशभक्ति की
- ईर्ष्या की
- कवि ने कोयल को ‘मरने के लिए मदमाती’ कहा है। इसका आशय समझाइए।
- कवि जेल के आसपास अन्य पक्षियों का चहकना भी सुनता होगा लेकिन उसने कोकिला की ही बात क्यों की है?
- काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- किस दावानल की ज्वालाएँ हैं दीखीं?
- काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
तेरी गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह !
देख विषमता तेरी-मेरी, बाज रही तिस पर रणभेरी ! - कवि ने कोयल को बावली क्यों कहा है?
समाधान
- (a) ब्रिटिश राज का गहना कहकर
- (b) स्वतंत्रता आंदोलन में संघर्ष करने के कारण
- (d) कोयल अपने मधुर द्वारा
- (d) तात्कालिक ब्रिटिश शासन के विरुद्ध
- (d) कोल्हू के चर्रक चूँ आवाज़ उसके जीवन का संगीत बन गई है
- (b) राष्ट्रप्रेम की
- (b) अपनी रचना के
- (a) जंगल की आग
- (b) साहित्यिक खड़ी बोली का
- (c) देशभक्ति की
- कवि ने कोयल को ‘मरने के लिए मदमाती’ कहा है। इसका आशय है कि पराधीन भारत में अंग्रेज़ों ने अपने बर्बरतापूर्ण और अमानवीय व्यवहार से अत्याचार की सारी सीमाएँ पार कर दी थीं। स्वतंत्रता के लिए आवाज़ उठाने वालों को वे हर तरीके से कुचल देते थे। उनका विरोध करना स्वयं को मारने के समान था। ऐसे में कोयल द्वारा स्वतंत्रता के गीत गाकर भारतीयों में देश-प्रेम जगाना मरने के ही समान है।
- कवि जेल के आसपास अन्य पक्षियों का चहकना सुनता होगा पर उसने कोयल से ही बात की क्योंकि कोयल किसी ऋतु विशेष में ही अधिक चहकती है। वह प्रातःकाल और शाम के समय ही अपने मधुर गीत गाती है, इस प्रकार रात में नहीं चिल्लाती। जबकि अन्य पक्षी साल भर चहकते रहते हैं। इस प्रकार आधी रात में बोलकर कोयल शायद कुछ विशेष संदेश देने आई है। ब्रिटिश काल में क्रांतिकारी भी छिप-छिपकर एक-दूसरे को गुप्त संदेश द्वारा अपनी योजनाएँ बताया करते थे। कवि को कोयल और क्रांतिकारियों की कार्यप्रणाली में समानता दिखाई दी।
- **भाव-सौंदर्य:** लोगों में स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों से विरोध और उनके प्रति संघर्ष की भड़कती हुई भावना को शायद कोयल ने देख लिया था।
**शिल्प-सौंदर्य:**
- इस पंक्ति की भाषा तत्सम शब्द युक्त खड़ी बोली है।
- ‘दावानल की ज्वालाएँ’ में रूपक अलंकार है।
- कोयल के साथ संवाद के कारण ‘मानवीकरण अलंकार’ है।
- कोयल से प्रश्न पूछने के कारण पंक्ति प्रश्नात्मक शैली में है।
- **भाव-सौंदर्य:** यहाँ कवि ने अपने और कोयल के जीवन के अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा है कि कोयल के कर्णप्रिय गीतों को सुनकर लोग वाह-वाह करते हैं जबकि स्वतंत्रता सेनानियों को तो रोने भी नहीं दिया जाता है। उनके बोलने पर उन्हें गालियाँ दी जाती हैं। वे चुपचाप यंत्रणाएँ सहने को विवश हैं। इतना अंतर होने के बाद भी कोयल रणभेरी बजा रही है।
**शिल्प-सौंदर्य:**
- पंक्तियों में तत्सम शब्दयुक्त खड़ी बोली का प्रयोग है।
- मुहावरा-‘रणभेरी बजाना’ के प्रयोग से भाषा में सजीवता और सुंदरता आ गई है।
- ‘तेरी-मेरी’, ‘वाह-गुनाह’ में मैत्री तथा अनुप्रास अलंकार है।
- ‘गुनाह’-उर्दू-फारसी के शब्द का प्रयोग किया गया है।
- कोयल हो या अन्य पक्षी, उनके कलरव करने का समय दिन या शाम का होता है, रात नहीं। कवि कल्पना करता है कि कोयल भी अंग्रेज़ों के अत्याचार तथा जेल में बंद क्रांतिकारियों की दशा से बहुत दुखी है। उससे यह दुख और नहीं सहा गया इसलिए वह अपने स्वर के माध्यम से असमय अर्धरात्रि में लोगों के मन में संघर्ष की भावना जगाने के लिए चिल्ला रही है। इसी कारण कोयल की असमय वेदनापूर्ण आवाज सुनकर कवि ने उसे बावली कहा है।