साँवले सपनों की याद टेस्ट पेपर 01
सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी ए
खंड ख – व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न
Question No. 1 to 5 are based on the given text. Read the text carefully and answer the questions:
सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाय अथाह सागर बनकर उभरे थे। जो लोग उनके भ्रमणशील स्वभाव और उनकी यायावरी से परिचित हैं, उन्हें महसूस होता है कि वो आज भी पक्षियों के सुराग में ही निकले हैं और बस अभी गले में लंबी दूरबीन लटकाए अपने खोजपूर्ण नतीजों के साथ लौट आएँगे।
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गद्यांश के आधार पर बताइए कि जो लोग सालिम अली के स्वभाव से परिचित हैं, उनके अनुसार सालिम अली किसकी तलाश में गए हैं?
- जड़ी-बूटियों की तलाश में
- पक्षियों की तलाश में
- झरनों की तलाश में
- पेड़-पौधों की तलाश में
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गद्यांश के आधार पर बताइए कि सालिम अली ‘अथाह सागर’ क्यों थे?
- उनका स्वभाव सागर की भाँति गंभीर था
- क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन प्रकृति व पक्षियों की खोज व सेवा में समर्पित कर दिया था
- क्योंकि पक्षियों से प्रेम था
- क्योंकि वह भ्रमणशील स्वभाव के थे
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‘एक टापू बनाने की बजाय अथाह सागर बनकर उभरे थे’ इस वाक्य में ‘एक टापू’ से आशय है
- जल के पास निवास करना
- एक स्थान पर स्थिर होना
- एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना
- इधर-उधर घूमते रहना
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‘पक्षियों के सुराग में निकले हैं’ कथन का अर्थ है
- पक्षियों का शिकार करने गए हैं
- पक्षियों को दाना डालने गए हैं
- पक्षियों की खोज में निकले हैं
- पक्षियों का इलाज करने निकले हैं
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सालिम अली के स्वभाव से परिचित लोगों को ऐसा क्यों लगा कि वे आज भी अपने खोजपूर्ण नतीजों के साथ लौट आएँगें?
- उन्हें सालिम अली की मृत्यु पर विश्वास नहीं हो रहा था।
- वे जंगलों में घूमने के बाद पक्षियों को लेकर लौट जाते थे।
- वे पक्षियों की खोज में गए थे।
- वे सदैव घूमकर घर लौट जाते थे।
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‘कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा ?’ ‘सांवले सपनों की याद’ पाठ में यह वाक्य किस व्यक्ति के लिए प्रयोग किया गया है ?
- जान कीट्स
- सालिम अली
- डी एच लॉरेंस
- लार्ड ब्राउन
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सलीम अली को ‘बर्डवाचर’ क्यों कहा जाता था?
- पक्षियों के विषय में जानकारी होने के कारण
- दूरबीन से पक्षियों की जानकारी रखने के कारण
- भरतपुर पक्षी अभ्यारण बनाने के कारण
- पक्षियों से प्रेम के कारण
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साँवले सपनों की याद पाठ में किस उपन्यासकार का उल्लेख हुआ है?
- डी. एच. लॉरेंस
- शेक्सपीयर
- प्रेमचंद
- जयशंकर प्रसाद
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सालिम अली ने जीवन-भर किसकी यात्राएँ कीं?
- विदेशों की
- देश-भर की
- समुद्र की
- पक्षी-अध्ययन की
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बचपन में सालिम अली की एयरगन से घायल होकर गिरने वाले पक्षी का क्या नाम था?
- गोरैया
- बया
- मोर
- कोयल
- साँवले सपनों की याद पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
- सालिम अली ने तत्कालीन प्रधानमंत्री से जो कुछ रहा उसका उन पर क्या असर हुआ?
- ‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
- आशय स्पष्ट कीजिए-कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा!
- आशय स्पष्ट कीजिए-सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टीपू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
समाधान
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**उत्तर:** (b) पक्षियों की तलाश में
व्याख्या: पक्षियों की तलाश में -
**उत्तर:** (b) क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन प्रकृति व पक्षियों की खोज व सेवा में समर्पित कर दिया था
व्याख्या: क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन प्रकृति व पक्षियों की खोज व सेवा में समर्पित कर दिया था -
**उत्तर:** (b) एक स्थान पर स्थिर होना
व्याख्या: एक स्थान पर स्थिर होना -
**उत्तर:** (c) पक्षियों की खोज में निकले हैं
व्याख्या: पक्षियों की खोज में निकले हैं -
**उत्तर:** (b) वे जंगलों में घूमने के बाद पक्षियों को लेकर लौट जाते थे।
व्याख्या: वे जंगलों में घूमने के बाद पक्षियों को लेकर लौट जाते थे। -
**उत्तर:** (b) सालिम अली
व्याख्या: सालिम अली की तुलना पक्षी से की है। जैसे पक्षी के मर जाने के बाद उसे जीवित नहीं किया जा सकता उसी तरह सालिम अली की मृत्यु के बाद कोई अन्य व्यक्ति अपने शरीर की गर्मी और दिल की धड़कन भी देकर उन्हें जीवित नहीं रह सकता था। -
**उत्तर:** (d) पक्षियों से प्रेम के कारण
व्याख्या: पक्षियों से प्रेम के कारण। उन्होंने पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों और गतिविधियों का अध्ययन किया तथा उनके बारे में जानकारी प्राप्त की। -
**उत्तर:** (a) डी. एच. लॉरेंस
व्याख्या: डी. एच. लॉरेंस प्रकृति प्रेमी और एक उपन्यासकार थे। -
**उत्तर:** (d) पक्षी-अध्ययन की
व्याख्या: सालिम अली एक पक्षी विज्ञानी थे। उन्होंने जीवन-भर पक्षी अध्ययन की यात्राएँ कीं। -
**उत्तर:** (a) गोरैया
व्याख्या: सलीम अली ने बचपन में अपनी एयरगन से नीलकंठ वाली एक गौरैया को घायल कर दिया था, जिससे वे इतने अभिभूत हुए कि वे पक्षियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने लगे। - सालिम अली एक प्रसिद्ध पक्षी-विज्ञानी और प्रकृति प्रेमी थे। वे पक्षियों के बारे में नई-नई जानकारियाँ इकट्ठा करते रहते थे। इसके साथ ही वे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी चिंतित रहते थे। वे अपने कंधों पर सैलानियों जैसा बोझ लटकाए, गले में दूरबीन टाँगें पक्षियों की खोज में दूर-दराज के क्षेत्रों में निकल जाते थे। पक्षियों की खोज में घंटों दुर्गम स्थानों पर बैठना उनकी आदत थी। पर्यावरण के प्रति चिंतित होने के कारण वे तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से भी मिल चुके थे। वे प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाय अथाह सागर बनकर उभरे थे।
- सालिम अली का प्रकृति और पर्यावरण से गहरा लगाव था। केरल की साइलेंट वैली को रेगिस्तानी हवा से बचाने के लिए वे तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मिले और उनसे इस खतरे का वर्णन किया। चौधरी चरण सिंह गाँव की मिट्टी से जुड़े हुए नेता थे और उन्हें भी पर्यावरण की गहरी चिंता थी। पर्यावरण के प्रति सालिम अली की चिंता किसी निजी स्वार्थ से नहीं जुड़ी थी, बल्कि यह उनकी दूरदर्शिता का प्रमाण थी। इन सब बातों को महसूस करते ही प्रधानमंत्री की आँखें नम हो गईं।
- ‘साँवले सपने’ प्रसिद्ध पक्षी प्रेमी सालिम अली की मनमोहक इच्छाओं का प्रतीक हैं। वे जीवन भर पक्षियों की सुरक्षा और खोज के सपनों में खोए रहे। उनका सपना था पक्षियों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करना, जिसे उन्होंने जीवन भर सच करने की कोशिश की और इसे साकार भी किया। इसलिए आज उनके न रहने पर लेखक को उन ‘साँवले सपनों’ की याद आती है जो सालिम अली की आँखों में उनकी मृत्यु तक बसे हुए थे। यह शीर्षक सार्थक है, पर थोड़ा रहस्यात्मक भी है।
- इस पंक्ति का आशय यह है कि सालिम अली एक अद्वितीय पक्षी प्रेमी थे। लेखक ने उनकी तुलना एक ऐसे पक्षी से की है जिसने अपनी जीवन यात्रा को समाप्त कर दिया है और मौत की गहरी नींद में सो गया है। इस पक्षी (सालिम अली) की नींद इतनी गहरी है कि कोई भी अपनी शारीरिक गर्मी और दिल की धड़कन देकर भी उसे जीवित नहीं कर सकता। उनका पक्षी प्रेम का सपना उनके व्यक्तित्व का हिस्सा था। उनके बाद कोई अन्य पक्षी प्रेमी उस तरह से नहीं उत्पन्न हो सकता।
- सालिम अली ने अपना पूरा जीवन पक्षियों की सुरक्षा और उनके बारे में नई जानकारी इकट्ठा करने में बिताया था। वे टापू की तरह किसी एक स्थान या संकीर्ण विचारों तक सीमित नहीं रहे। वे सागर की तरह खुले विचारों वाले थे। उन्होंने खुद को किसी भी सीमा में कैद नहीं किया। वे पक्षियों, प्रकृति और पर्यावरण के लिए कुछ भी करने को तैयार थे।