मेघ आए
Notes, Summary, and Study Material
📑 Table of Contents
📖 Summary
कविता ‘मेघ आए’ में कवि ने बारिश के मेघों के आगमन का चित्रण किया है। मेघों को सज-धजकर आए दामाद के रूपक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। गाँव की प्राकृतिक परिस्थितियाँ, पेड़-पौधे, नदी, हवा और तालाब सभी मानवीकरण के माध्यम से जीवंत किए गए हैं। लता रूपी नायिका मेघों की प्रतीक्षा कर रही है और उनके आने पर उत्साहित है। कविता में ग्रामीण रीति-रिवाज और भावनाओं का मार्मिक चित्रण है।
📜 Poem: मेघ आए
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के। आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली, दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली, पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के। मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के। पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए, आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए, बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके। मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के। बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की, 'बरस बाद सुधि लीन्हीं'— बोली अकुलाई लता ओट हो किवाड़ की, हरसाया ताल लाया पानी परात भर के। मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के। क्षितिज-अटारी गहराइ दामिनि दमकी, 'क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की' बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके। मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
👤 Symbols & Personifications
- धूल: घर की युवा लड़की का प्रतीक
- पेड़: गाँव के लोग का प्रतीक
- नदी: गाँव की युवतियों का प्रतीक
- लता: मेघ की प्रतीक्षा करती प्रेमिका
- ताल: तालाब, प्रसन्न होकर मेहमान का स्वागत
📌 Important Question-Answers
Q1. मेघ आए का रूपक क्या है?
👉 मेघों की तुलना गाँव में सज-धजकर आए दामाद से की गई है।
Q2. कवि ने प्रकृति में कौन-कौन सी गतिशील क्रियाएँ चित्रित की हैं?
👉 हवा नाचती-गाती, धूल उड़ती, पेड़ झुकते, नदी ठिठकती, लता किवाड़ से झाँकती, तालाब पानी भरता, बिजली चमकती।
Q3. ‘क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’ का भाव?
👉 प्रेमिका के मन में जो भ्रम था कि मेघ नहीं आएंगे, वह टूट गया।
Q4. कविता में आंचलिक शब्द कौन से हैं?
👉 पाहुन, बयार, घाघरा, सरके, जुहार, सुधि, किवाड़, ताल, दामिनी।
Q5. कविता में शिल्प-सौंदर्य के उदाहरण?
👉 ‘पाहुन ज्यों आए हों’ में उत्प्रेक्षा अलंकार; ‘बन-ठन के, सँवर के’ में अनुप्रास अलंकार।
🌟 Themes
- प्रकृति और मानव जीवन का सजीव चित्रण
- ग्रामीण रीति-रिवाज और उत्सव की भावना
- मानवीकरण और रूपक के माध्यम से भावों का चित्रण
- प्रतीक और अलंकार का प्रयोग
- प्रकृति के सौंदर्य और वर्षा का आनंद
✨ Quick Revision Points
- Poet: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- Poem: मेघ आए
- Main Imagery: मेघों की तुलना सज-धजकर आए दामाद से
- Personifications: हवा, पेड़, नदी, लता, तालाब
- Language: सरल, सहज, ग्रामीण शब्दावली
- Alankars: उत्प्रेक्षा, अनुप्रास, ध्वन्यात्मकता